श्रीनगर। कश्मीर में आतंक पर शिकंजा कसते हुए अभी तक 300 से ज्यादा आतंकियों और उनके समर्थकों की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। आतंकियों के साथ-साथ जमात-ए-इस्लामी और अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई है। हुर्रियत कांफ्रेंस के पूर्व चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, शब्बीर शाह, आसिया अंद्राबी के अलावा आलोमार मुजाहिद्दीन के चीफ कमांडर मुस्ताक जरगर उर्फ लत्राम, हिज्ब के टॉप ऑपरेशनल कमांडर बशीर अहमद , श्रीनगर के हुर्रियत ऑफिस पर भी कार्रवाई हुई है।
जम्मू कश्मीर में एनआईए और एसआईए ने आतंकवाद और अलगाववादियों पर शिकंजा कसते हुए अब तक 400 से ज्यादा प्रॉपर्टीज को अटैच किया है। इसमें 170 से अधिक प्रॉपर्टीज सक्रिय आतंकी संगठनों में शामिल आतंकियों की है। इसके अलावा अलगाववादी नेताओं जमात-ए-इस्लामी और आतंकियों की मदद करने वाले भी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में अब तक जो प्रॉपर्टी अटैच की गई है, इनमें कई बड़े अलगाववादी नेता और टॉप मिलिटेंट कमांडर्स का नाम भी शामिल है।
170 से ज्यादा सक्रिया आतंकियों में सबसे ज्यादा 118 आतंकी डोडा इलाके से हैं। 36 किस्तावार, 14 राजौरी पुंछ में और बाकी श्रीनगर, अनंतनाग और कुपवाड़ा से है। आतंकियों की प्रॉपर्टी के अलावा हुर्रियत कांफ्रेंस के पूर्व चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, शब्बीर शाह, आसिया अंद्राबी, मुस्ताक जरगर, बशीर अहमद की प्रॉपर्टी जब्त करने के साथ ही मीरवाइज मौलवी उमर फारूक का श्रीनगर दफ्तर भी अटैच कर लिया गया है।
इसके अलावा आतंकियों की मदद और उन्हें शरण देने के आरोप में श्रीनगर, पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दर्जनों प्रॉपर्टीज को अटैच किया है। यह सारी कार्रवाई एनआईए और एसआईए की तरफ से की जा रही है। सरकार का दावा है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद पर हो रही इस कार्रवाई से न सिर्फ आतंकवाद के ग्राफ में कमी आई है बल्कि टेरर फंडिंग पर भी रोक लगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में कईऔर बड़े मिलिटेंट कमांडरों और टेरर फंडिग में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि वर्ष 2018 से ही सरकार ने आतंकवाद और अलगावाद पर शिकंजा कसते हुए सभी अलगाववादी नेताओं को टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनमें जेकेएलएफ के चीफ यासीन मलिक ,नईम खान ,शब्बीर शाह, मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और जानती इस्लामी के कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया है जिन पर ये आरोप है कि ये कश्मीर में टेरर फंडिंग के जरिए हिंसा फैला रहे थे। इसी आधार पर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कारवाई जारी है।