देश में महंगाई को लेकर एक तरफ विपक्ष लगातार सरकार को निशाने पर ले रहा है वहीं दूसरी तरफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास कह रहे हैं कि हम महंगाई के बुरे दौर को पीछे छोड़ आए हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा है, “हमारा वित्तीय क्षेत्र स्थिर है और महंगाई का बुरा दौर पीछे छूट गया।” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “हमारा बाहरी ऋण प्रबंधन योग्य है और डॉलर की मजबूती से कोई समस्या नहीं है।” आरबीआई गवर्नर ने डॉलर की कीमत बढ़ने के कारण उच्च बाहरी ऋण जोखिम वाले देशों की मदद करने के लिए जी20 के समन्वित प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जी20 देशों को जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देशों को युद्ध स्तर पर वित्तपोषण मुहैया करवाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के बैंकिंग क्षेत्र में जारी संकट स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि निजी क्रिप्टोकरंसी वित्तीय प्रणाली के लिए किस तरह जोखिम पैदा करती है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक जमा और कर्ज वृद्धि बैंकिंग प्रणाली के लिए अच्छी चीज नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को साल 2023 के लिए ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया गया। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शोध पत्रिका सेंट्रल बैंकिंग ने दास को यह उपाधि दी। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन 2015 में देश की ओर से पहली बार इस पुरस्कार से सम्मानित हुए थे। सेंट्रल बैंकिंग ने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्थिर नेतृत्व देने के लिए दास की प्रशंसा की है। पत्रिका ने कहा कि एक प्रमुख गैर-बैंक फर्म का पतन, कोविड-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की वजह से बढ़ती महंगाई के दौर में गवर्नर शक्तिकांत दास का मजबूत और कुशल नेतृत्व प्रशंसनीय है।