29 Mar 2024, 18:09:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

राहुल गांधी पर हमले के चक्कर में फंस गई बीजेपी? संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज होगा केस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 21 2023 8:40PM | Updated Date: Mar 21 2023 8:40PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में देश में लोकतंत्र को लेकर दिए गए बयान पर अब नया विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी जहां राहुल गांधी की तरफ से माफी मांगने की मांग पर अड़ी हुई है। वहीं, कांग्रेस सिरे से इस मांग को खारिज कर रही है। एक दूसरे पर हमले के क्रम में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी की तुलना मौजूदा राजनीति के मीर जाफर से कर दी। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा मंगलवार को कहा कि भारत में ‘नवाब’ बनने के लिए वह विदेशी ताकतों से मदद मांगने के लिए विदेश गए थे। दरअसल, राहुल गांधी को लेकर बीजेपी जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रही उस पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा फंस गए हैं?

कांग्रेस ने बीजेपी नेता के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी को मीर जाफर कहने को लेकर कांग्रेस बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ कानूनी कर्रवाई करेगी। पवन खेड़ा ने संबित पात्रा के राहुल गांधी को मौजूदा दौर के मीर जाफर वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें जल्द ही करारा जवाब मिलेगा। हम उनसे (बीजेपी) यह भी सीख रहे हैं कि कैसे जवाब देना है। उनके बयान पर जल्द कार्रवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्यों में संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।

संबित पात्रा के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हम उनसे यह सीख रहे हैं। दरअसल कांग्रेस का इशारा विरोधी नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर था। दरअसल पहले कांग्रेस नेता पीएम मोदी को लेकर शब्दों का प्रयोग करते रहे हैं उसका अंजाम उन्हें भुगतना पड़ा है। सोनिया गांधी के 'मौत का सौदागर', मणिशंकर अय्यर के 'नीच आदमी' से लेकर दिग्विजय सिंह के सर्जिकल स्ट्राइक के लेकर दिए गए बयान ने किस तरह से कांग्रेस का नुकसान किया है। इस बात को तो खुद कांग्रेस भी स्वीकार करेगी। अब सवाल उठता है कि अब बीजेपी भी कांग्रेस की भाषा बोल कर कहीं फंस तो नहीं जाएगी। बीजेपी भी राहुल पर हमले को लेकर उसी रास्ते पर तो नहीं चल रही जिस रास्ते पर कांग्रेस पीएम मोदी को लेकर चलती है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब मीर जाफर की राजनीति में एंट्री हुई है। मीर जाफर का प्रयोग अक्सर राजनीतिक दल विरोधियों पर हमला करने के लिए करते हैं। इससे पहले खुद कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस छोड़ चुके गुलान नबी आजाद और असम के मौजूदा सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के लिए भी मीर जाफर शब्द का प्रयोग किया था। इतना ही नहीं साल 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी थी तब उनके लिए भी प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने मीर जाफर शब्द का प्रयोग किया था। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने भी पार्टी छोड़कर जाने वाले सुवेंदु अधिकारी, दिनेश त्रिवेदी और मुकुल रॉय को मीर जाफर की संज्ञा दी थी।

देश में मीर जाफर का नाम विश्वासघात और गद्दारी का पर्याय बन चुका है। मीर जाफर 1857 से 1860 तक बंगाल का नवाब था। इससे पहले वह बंगाल के नबाव सिराजुदौला का सेनापति था। उसने नवाब से गद्दारी कर अंग्रेजों से हाथ मिला लिया था। इससे नवाब को अंग्रेजों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। विश्वास घात की एवज में ही उसे नवाब की गद्दी मिली थी। मीर जाफर के गद्दारी की कीमत सिराजुदौला को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »