केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को फॉरेन ट्रेड पॉलिसी यानि विदेश व्यापार नीति प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पेश की। ये पॉलिसी 1 अप्रैल से लागू होगी। इस पालिसी का मकसद है कि देश में धंधा-पानी अच्छे से चले और बढे।लोगों कि आमदनी बढ़े और महंगाई कम हो। इसीलिए फॉरेन ट्रेड यानि विदेशी व्यापार को बढ़ाना बहुत जरूरी है। इसके लिए अब मोदी सरकार एक नई विदेश व्यापार नीति ला रही है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सरकार ने बताया है कि इस नीति के तहत GDP ग्रोथ सात परसेंट तक रहने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने बताया कि इस साल 760 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निर्यात हो सकता है।
सरकार की फॉरन ट्रेड पॉलिसी में मर्चेंट्स ट्रेड को भी शामिल किया जाएगा। जिसके तहत इंडियन प्रोडक्ट्स को इंटरनेशनल मार्केट में उनकी प्रेजेंस को बढ़ाया जायेगा।इस बार सरकार पॉलिसी में ई-कॉमर्स के जरिए एक्सपोर्ट पर भी जोर दे रही है।इस पॉलिसी के तहत देश में माल और सेवाओं के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी, नौकरियों के अवसर बढ़ाना, देश को आत्मनिर्भर बनाने पर फोकस किया जा रहा है।
नई फॉरन ट्रेड पॉलिसी में 39 Towns of Export Excellence (TEE) के तहत इनमें चार नए शहरों को जोड़ा गया है। जिसमे फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी शामिल हैं।
इससे पहले भी आ चुकी है विदेश व्यापार नीति इससे पहले भी सरकार साल 2015 भी विदेश व्यापार नीति ला चुकी है। ये पॉलिसी 5 साल के लिए लाई गई थी। तब पॉलिसी का फोकस मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के साथ-साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (मतलब काम करने में आसानी ) को लेकर था। इस बार की न्यू फॉरेन ट्रेड पॉलिसी भी अगले 5 साल के लिए लाई गई है।