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केरल उच्च न्यायालय का निर्देश- फिल्म रिलीज के 48 घंटे के अंदर नहीं कर सकते रिव्यू, जानें वजह

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 13 2024 4:42PM | Updated Date: Mar 13 2024 4:42PM
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किसी भी फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए नेगेटिव रिव्यू से फिल्म के कलेक्शन पर प्रभाव पड़ता है या नहीं, इस पर काफी दिनों से बहस चल रही है। इसी बीच अब हाल ही में केरल उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी ने सिफारिश की है कि किसी भी फिल्म की रिलीज के 48 घंटों के बाद उसकी समीक्षा की जाएगी। 

जी हां, अगर आप भी किसी फिल्म को लेकर नेगेटिव रिव्यू करते हैं तो सावधान हो जाए, क्योंकि केरल हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है कि किसी भी फिल्म का अगर आप फिल्म की रिलीज के 48 घंटे के भीतर नेगेटिव रिव्यू करते हैं तो आपको इसकी सजा मिल सकती है। एमिकस क्यूरी श्याम पैडमैन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में  'रिव्यू बॉम्बिंग' को रोकने के लिए सख्त दिशानिर्देश शामिल हैं और दर्शकों को पक्षपातपूर्ण समीक्षाओं से प्रभावित हुए बिना अपनी राय बनाने की अनुमति दी गई है। बताया गया है कि ऐसे कई लोग हैं जो इनाम के लिए सोशल मीडिया पर रिव्यू करते हैं और जो लोग उसके बदले पैसे नहीं देते हैं उनके खिलाफ वो लोग नेगेटिव रिव्यू करने लगते हैं। फिलहाल इस पर मुकदमा करने की एक सीमा है क्योंकि यह जबरन वसूली, ब्लैकमेल आदि के दायरे में नहीं आता है।

एमिकस क्यूरी रिपोर्ट में  'रिव्यू बॉम्बिंग' से संबंधित शिकायतें प्राप्त करने के लिए साइबर कोशिकाओं पर एक समर्पित पोर्टल गठित करने का सुझाव दिया गया है। इसने यह भी सिफारिश की कि समीक्षकों को रचनात्मक आलोचना करनी चाहिए और अभिनेताओं, फिल्म निर्माताओं और अन्य लोगों के खिलाफ अपमानजनक भाषा, व्यक्तिगत हमलों या अपमानजनक टिप्पणियों से बचना चाहिए। फिल्म की आलोचना करने की बजाय रचनात्मक आलोचना की जानी चाहिए।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि कानूनी और नैतिक मानकों के साथ-साथ व्यावसायिकता को भी बनाए रखा जाना चाहिए। जस्टिस देवन रामचंद्रन ने रिपोर्ट में केंद्र सरकार की स्थिति बताने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि लोगों को फिल्मों के बारे में नकारात्मक टिप्पणियों के पीछे की सच्चाई का एहसास होने लगा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नकारात्मक टिप्पणियों के बावजूद हाल ही में कुछ नई फिल्में सफल रही हैं। न्याय मित्र ने अदालत को दिशानिर्देश सौंपे, जिसमें सिफारिश की गई कि ब्लॉगर्स सहित समीक्षकों को रिलीज के पहले 48 घंटों में फिल्म की समीक्षा करने से बचना चाहिए।

अदालत ने यह भी कहा कि यह समझा जाता है कि लोगों को एहसास हो गया है कि कई नकारात्मक टिप्पणियां फर्जी हैं या उनका कोई उद्देश्य है। ऐसी शिकायतें मिली हैं कि ब्लॉगर्स भुगतान पाने के लिए जानबूझकर नई रिलीज़ फिल्मों को अपमानित कर रहे हैं। कोच्चि सिटी पुलिस ने 25 अक्टूबर, 2023 को राहेल माकन कोरा के निर्देशक द्वारा अपनी पहली शिकायत दर्ज की थी, जिन्होंने ये आरोप लगाया थी कि अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फिल्म को अपमानित करने के लिए जानबूझकर प्रयास किए गए थे। केरल उच्च न्यायालय से निर्देश मिलने के बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद अब कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुना दिया है। 

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