भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज शाम छह बजे मतदान समाप्त हो गया और लगभग पांच करोड़ 60 लाख मतदाताओं में से कम से कम 72 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। इक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़कर मतदान प्राय: शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया और इस तरह 2533 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो गयी। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 75. 63 प्रतिशत और वर्ष 2013 के चुनाव में 72. 69 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। मतों की गिनती का कार्य तीन दिसंबर को होगा। राज्य में सभी 230 सीटों के लिए मतदान एक ही चरण में हुआ है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार सभी 230 क्षेत्रों में मतदान सुबह सात बजे प्रारंभ हुआ। शाम छह बजे तक 11 घंटों के दौरान औसतन कम से कम 72 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। मतदान प्रतिशत का वास्तविक आकड़ा आने में अभी कुछ और वक्त लगेगा और निश्चित तौर पर इसमें वृद्धि होगी। यूनीवार्ता को विभिन्न अंचलों से मिली सूचनाओं के अनुसार शाम को मतदान समाप्ति के पहले अनेक मतदान केंद्रों पर भी लंबी कतारें देखी गयीं। राज्य में मतदान के प्रति लोगों में काफी उत्साह दिखायी दिया।
नक्सली प्रभावित बालाघाट जिले के बैहर, लांजी और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर, मंडला जिले के बिछिया विधानसभा क्षेत्र के 47 और मंडला विधानसभा क्षेत्र के आठ मतदान केंद्रों तथा डिंडोरी जिले के डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले 40 मतदान केंद्रों पर वोटिंग तीन बजे समाप्त हो गयी थी। नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
राज्य में सभी 64 हजार 626 मतदान केंद्रों पर मतदान शाम छह बजे तक चलता रहा और मतदान केंद्रों पर कतारें भी देखी गयीं। “क्रिटिकल” मतदान केंद्रों की संख्या 17 हजार 32 है। कुल एक हजार 316 “वल्नरेबल” क्षेत्र चिंहित किए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखने के लिए सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की गयी थी। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए राज्य पुलिस बल के अधिकारियों और जवानों के अलावा रिजर्व पुलिस बल को तैनात किया गया। “नॉन फोर्स मेजर” के तहत कुल 42 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकॉस्टिंग और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की गयी।