कांग्रेस नेता अलका लांबा ने पंजाब की मौजूदा हालात को चिंताजनक बताया है। लांबा ने कहा कि राहुल गांधी की बात सच साबित हो रही है कि पंजाब में प्रयोग न करें, संवेदनशील राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत लगातार खराब होती जा रही है। पंजाब में आतंक का दौर फिर सिर उठा रहा है, हमने अपने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की शहादत दी है, तमाम नेताओं ने कुर्बानियां दीं, चिंता की बात है। इसके साथ-साथ उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोला है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के पिता की मांग के साथ खड़ी है। लांबा ने कहा ‘कन्याकुंमारी से लेकर विपक्ष की भूमिका में कोई पार्टी है तो वो कांग्रेस है और उसके नेता राहुल गांधी और खरगे जी हैं।’ हमारे खिलाफ, हमारे नेता के खिलाफ 9 साल से भाजपा सरकार किसी मामले को अंजाम तक नहीं ले जा पाई।
दिल्ली और पंजाब को लेकर AAP पर तीखा हमला आज केंद्रीय कांग्रेस के मंच से किया गया है। अभी तक दिल्ली कांग्रेस और उससे जुड़े नेता लगातार हमलावर थे, केंद्रीय कांग्रेस चुप थी या बीच का रास्ता निकाल रही थी। राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने बीआरएस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी का जिक्र करते हुए कहा कि बात जब देश की आती है और इन दलों पर ईडी वैगैरा की जांच होने पर इनका रुख बदल जाता है। इसलिए मैंने कहा कि, कन्याकुमारी से कश्मीर तक एक कांग्रेस ही विपक्षी पार्टी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल तब तक ही बाहर हैं, जब तक बीजेपी के इशारे पर पर सियासी कदम उठाते रहेंगे। ईडी के 95 फीसद मामले झूठे हैं, 5 फीसद मामले आप के भ्रष्टाचार के हैं। बीजेपी 2024 में इन मामलों के जरिए सियासी फायदा उठाने की कोशिश करेगी, इसलिए इन मामलों की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो।
सौरभ भारद्वाज के एक वीडियो को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हां, सिसोदिया केजरीवाल के राजदार हैं। फाइलों में हस्ताक्षर सिसोदिया के हैं, लेकिन केजरीवाल को भी बातों की जानकारी थी, लेकिन हुआ क्या कट्टर ईमानदारी की बातें करने वाले कट्टर बेईमान निकले। भ्रष्टाचार के मामलों में इनके कई मंत्रियों को इस्तीफे देने पड़े। कांग्रेस नेता ने कहा, सिसोदिया छोटे मोटे मामले में नहीं, शराब नीति को लेकर जेल गए हैं। इन्हें अदालतों से भी राहत नहीं मिली है। फीड बैक यूनिट का भी सिसोदिया ने दुरुपयोग किया, हमने इसकी भी शिकायत की थी। इस मामले में भी सीबीआई जांच कर रही है, ये मामला सिसोदिया को ताउम्र सलाखों के पीछे रखने के लिए काफी है।