गुंटूर। आंध्र प्रदेश के दूसरे सबसे अमीर श्रीशैलम मंदिर को 4500 एकड़ जमीन मिल गई है। राज्य फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने मंदिर को यह जमीन देने पर सहमति जता दी। इस जमीन के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और एंडोमेंट डिपार्टमेंट के बीच पिछले 50 साल से लड़ाई चल रही थी। 4500 एकड़ जमीन की कीमत 2000 करोड़ रुपये है। बता दें कि शैलम मंदिर त्रिमुला के बाद आंध्र प्रदेश का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है। शैलम मंदिर नल्लामाला आरक्षित वन के आसपास के इलाके में स्थित है। स्थानीय विधायक शिल्पा चक्रपाणि रेड्डी ने वन विभाग के अधिकारियों से इस लंबी लड़ाई को खत्म करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई से न तो वन विभाग का और न ही एंडोमेंट का कोई भला नहीं हो पा रहा है। पिछले पांच दशकों से दोनों विभागों के बीच इस जमीन को लेकर लड़ाई चल रही थी।
वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक वाई मधुसूदन रेड्डी ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया। मंदिर के तथ्यों का पता लगाने के लिए उन्होंने पुरातत्व विभाग की भी मदद ली। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारी भी इसमें शामिल हुए। सर्वेक्षण के लिए खास टीम बनाई गई। इसमें राजस्व, वन, बंदोबस्ती, सर्वेक्षण और भूमि अभिलेखों के अधिकारी शामिल थे।सर्वेक्षण के दौरान हाई लेवल तकनीक का इस्तेमाल किया गया। ड्रोन की भी तैनाती की गई। कई महीनों के रिसर्च के बाद टीम ने यह पुष्टि की कि विवादित जमीन के मालिक भगवान ब्रमरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी ही हैं। एंडोमेंट मंत्री कोट्टू सत्यनारायण ने कहा कि जमीन मंदिर के स्वामित्व में है। हमें खुशी है कि 50 साल की लड़ाई हमने जीत ली। 4500 एकड़ जमीन मंदिर को मिल गई।
राजस्व मंत्री धर्मना प्रसाद राव, वन और पर्यावरण मंत्री पेड्डिरेड्डी रामचंद्र रेड्डी के अलावा एंडोमेंट मंत्री ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक से मंदिर प्रबंधन को औपचारिक रूप से जमीन सौंपने का रिक्वेस्ट किया। मधुसूदन रेड्डी ने वन अधिकारी को मंदिर अधिकारियों के साथ एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया। श्रीशैलम मंदिर के ईओ एस लावन्ना और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर एलन चोंग टेरोन ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।