पिछले साल मार्च के महीने में गलती से ब्रह्मोस मिसाइल के पाकिस्तान में जाकर गिरने के मामले में एक निलंबित विंग कमांडर अभिनव शर्मा ने अदालत का रुख किया है। शर्मा को भारतीय वायु सेना ने पिछले साल मार्च में दुर्घटनावश पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल गिरने के बाद निकाल दिया था। अब शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में रक्षा मंत्रालय और वायु सेना प्रमुख के खिलाफ मामला दायर किया है। उनका दावा है कि उनकी बर्खास्तगी गलत थी और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने उन्हें अपना बचाव करने की अनुमति नहीं दी गई।बर्खास्त किए गए विंग कमांडर अभिनव शर्मा की याचिका पर कार्रवाई करते हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र, वायु सेना प्रमुख और अन्य को नोटिस जारी कर पिछले साल सिमुलेशन अभ्यास के दौरान पाकिस्तान में गलती से ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने पर अपना पक्ष रखने को कहा था। पूर्व IAF अधिकारी ने अगस्त 2022 में उन्हें बर्खास्त करने के रक्षा मंत्रालय के फैसले को चुनौती दी थी।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया। अपनी दलील में, पूर्व विंग कमांडर अभिनव शर्मा, जो प्रासंगिक समय पर एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में तैनात थे, ने कहा कि उन्हें उन कर्तव्यों के लिए प्रशिक्षित किया गया था जो विशुद्ध रूप से “रखरखाव प्रकृति” के थे और उन्हें हथियार संचालन या उसके ऑपेरशन को लेकर कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें “कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में लगाए गए आरोपों के खिलाफ प्रशिक्षित नहीं किया गया था”। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने उनकी याचिका का विरोध किया और कहा कि बर्खास्तगी को मौजूदा कार्यवाही में चुनौती नहीं दी जा सकती। विंग कमांडर अभिनव शर्मा और तीन अन्य वायुसेना अधिकारियों को आठ महीने पहले सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। कोर्ट ऑफ इनक्वायरी में साबित हुआ था कि मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर (MAL) पर लोड की गई सभी मिसाइलों के लड़ाकू कनेक्टर्स को डिस्कनेक्ट करने में विफल पाए गए थे। जांच दल ने इसे एसओपी का उल्लंघन माना था।
अभिनव शर्मा पर MAL को स्टेशन से मिसाइल लॉन्च होने से रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण दुर्घटनावश मिसाइल लॉन्च हुई थी। शर्मा ने दावा किया कि घटना के समय उन्हें स्क्वाड्रन में एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था और वे केवल रखरखाव कार्य के लिए पेशेवर और व्यावहारिक प्रशिक्षण दे रहे थे। एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में उन्होंने कभी भी परिचालन को लेकर प्रशिक्षण नहीं दिया, जो कि केवल कमांडिंग ऑफिसर और संचालन अधिकारी की जिम्मेदारी थी। 9 मार्च 2022 को गलती से भारत की एक ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में जाकर गिरी थी। भारतीय वायु सेना ने इस घटना के लिए तीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया था। भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल लाहौर से करीब 275 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरी थी। इससे एक कोल्ड स्टोरेज को नुकसान पहुंचा था। हालांकि, इस हादसे में किसी की जान नहीं गई। इसे लेकर पाकिस्तान ने काफी हंगामा भी मचाया था। तब वायुसेना ने बयान जारी कर इस घटना के लिए माफी मांगी थी और कहा था कि चूक की वजह से मिसाइल मिसफायर हुई थी। पाकिस्तान की सेना ने उस समय दावा किया था कि मिसाइल की वजह से कई लोगों की जान खतरे में आ गई थी। बता दें कि ब्रह्मोस एक परमाणु हमले में सक्षम क्रूज मिसाइल है। इसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है। पाकिस्तान की एयरफोर्स का दावा है कि पिछले साल यह मिसाइल आवाज़ की स्पीड से तीन गुना ज्यादा रफ्तार पर 40,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ती हुई उसके हवाईक्षेत्र में दाखिल हुई थी।