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बॉर्डर के दोनों ओर सेना की भारी तैनाती, आर्मी चीफ मनोज पांडे बोले- चीन का पीछे हटने का इरादा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 18 2023 1:20PM | Updated Date: Mar 18 2023 1:20PM
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भारत के साथ पूर्वी लद्दाख की सीमा पर विवाद पैदा कर रहा चीन अपने कदम पीछे लेने को तैयार नहीं हो रहा है। भारत के पूर्वी सेक्टर पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अतिरिक्त जवानों की तैनाती एलएसी पर की गई है। जिसके चलते सेनाओं के योजनाबद्ध तरीके से पीछे हटने का मामला खटाई में पड़ गया है। इसी के साथ भारतीय सेना ने भी किसी मिलिट्री इमरजेंसी से निपटने के लिए वहां पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। भारतीय थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में शुक्रवार (17 मार्च) को कहा कि चीन की पीएलए ने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी से अपने सैनिकों को कम नहीं किया है और बहुत तेजी के साथ सीमा पर मिलिट्री अपग्रेडेशन कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन ने गलवान, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स और पेगोंग त्सो में हुई आगे बढ़ने की कोशिश करने के लिए 50000 सैनिकों को भारी हथियारों के साथ सीमा पर तैनात किया है।
 
जनरल मनोज पांडे ने बताया कि एलएसी पर मुख्य चुनौती पीएलए के सैनिकों की भारी मात्रा में तैनाती है। पीएलए के सैनिकों की तैनाती में बदलाव के आधार पर उन्होंने कहा कि सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश के किबिथू तक कम से कम 6 लाइट टू मीडियम कंबाइंड आर्मर्ड ब्रिगेड की तैनाती का अनुमान है। भारतीय सेना का आकलन था कि एलएसी पर तैनात अतिरिक्त रिजर्व सैनिकों को तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति के रूप में शी जिनपिंग के चयन के बाद पीएलए के उत्तरी और पूर्वी कमान में उनके ठिकानों पर वापस भेज दिया जाएगा। हालांकि, वर्तमान आकलन यह है कि ये सैनिक भारत के पूर्वी क्षेत्र पर दबाव बनाए रखने के लिए वहीं बने हुए हैं। बीते दशकों की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों के तहत भारत ने भी पहले से कहीं अधिक तेजी से समय के अंदर ही सीमा के उल्लंघन का जवाब दिया है। मोदी सरकार पर चीन के खतरे को नजरअंदाज करने के विपक्ष के आरोपों से इतर एलएसी पर अपग्रेडेड सड़कों, संचार माध्यमों और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड नेटवर्क के सहारे भारतीय सेना किसी भी स्थिति का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हुई है और स्थानीय अधिकारियों को ऐसे मामलों में तुरंत फैसला लेने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर हालात स्थिर हैं, लेकिन हमें पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखने की जरूरत है।
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