नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पेश किया है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा चल रही है। सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष दलों ने इस बिल को अपना बताया। दोनों ओर से अपने अपने विचार व्यक्त किए जा रहे हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Central Minister Smriti Irani) ने लोकसभा में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को जवाब दिया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि जब यह बिल लाया गया तो कुछ लोगों ने कहा कि यह "हमारा बिल" है। प्रस्तावित बिल के एक लेख में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि "तीसरे आम चुनाव में SC/ST की महिलाओं के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं होगी, लेकिन इस सरकार द्वारा लाया गया बिल इस बिल के लागू होने के 15 साल बाद तक महिलाओं को आरक्षण की गारंटी देता है। महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि हमने महिलाओं को गिनने लायक बना दिया है और अब समय आ गया है कि आप आगे आएं, और अपने शब्दों को केवल कागजों या भाषण तक ही सीमित न रखें, बल्कि कार्रवाई के साथ बोलें और नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन करें।
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस संसदीय दल की चीफ सोनिया गांधी ने कहा कि मेरे जीवन का यह एक भावनात्मक क्षण है। राजीव गांधी द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में पहली बार महिलाओं का प्रतिनिधित्व तय करने के लिए संवैधानिक संशोधन लाया गया था, लेकिन राज्यसभा में 7 मतदान के चलते विधेयक पारित नहीं हो पाया था। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में इसे राज्यसभा में पास कर दिया। देश भर में स्थानीय निकाय चुनावों के माध्यम से हमारे पास 15 लाख निर्वाचित महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना अभी सिर्फ आंशिक रूप से पूरा हुआ है। यह इस बिल के पास होने के बाद उनका सपना पूरा हो जाएगा।