नई दिल्ली। विरासत टैक्स की बात छेड़कर विवाद पैदा करने वाले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक बार फिर से ऐसी बात कही है, जिसको लेकर चुनावी मौसम में जुबानी लड़ाई फिर से तेज हो सकती है। सैम पित्रोदा ने दुनियाभर में भारत की विकासगाथा और लोकतंत्र के बेहतरीन उदाहरण के तौर पर सामने आने का उल्लेख करते हुए कुछ ऐसा कह डाला जिसपर विपक्षी बीजेपी हमलावर हो गई है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वी भारत के लोग जहां चाइनीज जैसे लगते हैं, वहीं दक्षिण भारतीय अफ्रीकन लगते हैं। इतनी विविधता होने के बावजूद भारत एक है।
दरअसल, सैम पित्रोदा भारत की विकासगाथा और सफल लोकतंत्र पर बात करते हुए विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया में खुद को एक सफल लोकतांत्रिक देश के तौर पर विकसित किया है। पित्रोदा ने आगे कहा कि देश के लोग पिछले 75 वर्षों से बेहतरीन माहौल में एक साथ रहते आ रहे हैं। ‘द स्टेट्समैन’ अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं- जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण भारत के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं। इसके बावजूद इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हम सभी भाई-बहन हैं।’
सैम पित्रोदा का यह बयान सामने आने के बाद अब इसपर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने पित्रोदा पर तीखा हमला बोला है। BJP प्रवक्ता सीआर केसवन ने सैम पित्रोदा को कांग्रेस पार्टी का शकुनी करार दिया है। केसवन ने कहा, ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख (सैम पित्रोदा) की नस्लभेदी टिप्पणी ने कांग्रेस पार्टी के खतरनाक और विभाजनकारी मानसिकता को उजागर कर दिया है।’ पित्रोदा का बयान सामने आने के बाद पूर्वोत्तर भारत के मुख्यमंत्रियों ने कांग्रेस पर हमला बोला है। असम और मणिपुर के सीएम ने कांग्रेस से माफी की मांग की है। मणिपुर के सीएम एन। बीरेन सिंह ने कहा कि कांग्रेस भारत को धार्मिक आधार पर बांटना चाहती है।
इससे पहले सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स (इनहेरिटेंस टैक्स) पर दिए गए बयान को लेकर पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं। सैम पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में 55 फीसदी विरासत कर लगता है। सरकार किसी की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का 55 फीसदी हिस्सा ले लेती है। उन्होंने कहा था कि संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को और 55 फीसदी संपत्ति सरकार की हो जाती है। इनहेरिटेंस टैक्स की पैरवी करते हुए पित्रोदा ने कहा कि भारत में ऐसा कानून नहीं है। ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और वे ऐसी नीतियों की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि सिर्फ अमीरों के हित में।