नई दिल्ली। देश में सर्दी का मौसम (Winter Season) खत्म हो गया है। साथ ही मार्च के महीने से अच्छी-खासी गर्मी शुरू हो जाएगी। अभी फरवरी में ही देश के कुछ हिस्सों में 30 से 35 डिग्री तक तापमान जाने लगा है। इससे अब घरों में पंखे चलने शुरू हो गए हैं। इसके कारण इन शहरों में बिजली की मांग काफी बढ़ गई है, जो पिछले साल की तुलना में रिकॉर्ड स्तर पर देखी जा रही है। आने वाले मार्च से जून के महीने में बिजली की आपूर्ति अचानक और बढ़ सकती है। जानिए इस गर्मी में आपको कितनी दिक्कत आ सकती है।
इस साल जनवरी 2023 में बिजली की मांग 211 गीगावाट तक पहुंच गई। ये खपत पिछली गर्मियों की तुलना में उच्च स्तर पर रही है। अब देश में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जुड़े प्रतिबंध हटने से हैवी इंडस्ट्री एक बार फिर शुरू हो गई है। मालूम हो कि, उस समय 122 साल पुराने गर्मी के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, देश में एकतरफ़ा गर्मी बढ़ने से किसानों से काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए किसानों को गेहूं और अन्य फसलों को चेक करने के लिए कहा गया है। गर्म मौसम की असामान्य रूप से शुरुआत हो गई है। वहीं देश में सिंचाई पंप और एयर कंडीशनर की जोरदार बिक्री के कारण बिजली की खपत बढ़ सकती है। अगर ऐसा ही रहा, तो देश के ऊर्जा नेटवर्क में दिक्कत में आ सकती है। देश में आयातित कोयले का उपयोग करने वाले पावर स्टेशनों को पहले ही गर्मी में ब्लैकआउट से बचने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं घरेलू कोयले की आपूर्ति को देखते हुए 3 महीने के लिए पूरी क्षमता से काम करने का आदेश दे दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, अप्रैल 2023 में बिजली की मांग 229 गीगावाट पर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
दिल्ली लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी दिल्ली में जनवरी के एक दिन में सुबह 10।56 मिनट पर बिजली की अधिकतम मांग 5,247 मेगावॉट रही। बिजली कंपनियों के अनुसार, यह मांग दो साल में जनवरी महीने में सर्वाधिक रही है। बल्कि इस जाड़े में अब तक की सर्वाधिक मांग रही है। पिछले साल 2022 के जनवरी महीने में बिजली की अधिकतम मांग 5,104 मेगावॉट और 2021 में 5,021 मेगावॉट थी। हालांकि, 2020 में यह 5,343 मेगावॉट थी।