कानपुर के पनकी मंदिर में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई दंडवत दर्शन के बाद अपनी गिरफ्तारी देने पर अड़ गए। लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा के नेतृत्व में एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पाण्डेय भी मंदिर पहुंचे। उन्होंने विधायक अमिताभ बाजपेई से बात की। विधायक पहले गिरफ्तारी की मांग को लेकर अढ़े रहे मगर पुलिस अधिकारियों के समझाने पर उन्होंने मांग पत्र सौंपा और वहां से वापस निकल गए।
दरअसल, पनकी थाने में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई, गठबंधन के प्रत्याशी आलोक मिश्रा समेत 205 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसी को लेकर विधायक ने शनिवार को गिरफ्तारी का ऐलान किया था। शनिवार को सुबह सपा विधायक और सपा नेता सम्राट विकास व कुछ समर्थकों के साथ पनकी मंदिर पहुंचे। उन्होंने वहां पर दर्शन किए। तब तक एडीसीपी साउथ और एसीपी कल्याणपुर भी मौके पर पहुंच गए थे।
दर्शन के बाद विधायक ने अधिकारियों से पनकी थाने चलकर गिरफ्तारी देने को कहा। इस पर अधिकारियों ने उनसे बातचीत कर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। कुछ देर तो विधायक अड़े रहे उसके बाद उन्होंने एक मांगपत्र सौंपा वहां से चले गए। विधायक के मंदिर जाने के बाद गिरफ्तारी के ऐलान करने पर बजरंग दल के जिला संयोजक कृष्णा तिवारी ने वीडियो वायरल कर उन्हें मंदिर में न घुसने की चुनौती दी थी। बजरंग दल के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते उससे पहले पुलिस ने कृष्णा तिवारी को शनिवार सुबह ही घर में नजरबंद कर लिया।
ईद के दिन अर्मापुर में राजनीतिक पोस्टर लगाने को लेकर सपा नेता सम्राट विकास और डीसीपी वेस्ट के बीच नोंकझोंक हुई थी। पुलिस ने सपा नेता के खिलाफ धारा 151 में चालान कर आचार संहिता उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर लिया था। कानून व्यवस्था के मद्देनजर सपा नेता को पनकी थाने में रखा गया। जहां उनकी पैरवी के लिए सपा विधायक अमिताभ बाजपेई, गठबंधन के प्रत्याशी आलोक मिश्रा और उनके समर्थक पहुंच गए थे। वहां नेताओं ने हंगामा किया और धरने पर बैठ गए। इस पर पुलिस ने सपा विधायक और प्रत्याशी समेत 205 के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन, लोक सेवक को डराना, सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी।