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'कंतारा' फेम ऋषभ शेट्टी को मिला दादासाहेब फाल्के सम्मान, मोस्ट प्रॉमिसिंग एक्टर के अवॉर्ड का हुआ ऐलान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 15 2023 5:40PM | Updated Date: Feb 15 2023 5:40PM
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ऋषभ शेट्टी जिन्होंने अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'कांतारा' से बीते साल पूरी दुनिया में नाम कमाया, अब उनकी उपलब्धियों में एक और नया मैडल जुड गया है। दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023 में उन्हें सबसे होनहार अभिनेता (मोस्ट प्रॉमिसिंग एक्टर) के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कन्नड़ सिनेमा की सीमाओं को लांघकर ऋषभ अब अखिल भारतीय स्तर के अभिनेता बन चुके हैं। केंद्रीय सेंसर बोर्ड के सदस्य और दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के सीईओ अभिषेक मिश्रा ने एक पत्र के माध्यम से इस खबर की घोषणा की है।

यह पुरस्कार समारोह 20 फरवरी को मुंबई में आयोजित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा हो चुकी है और फिल्म 'कांतारा' से पूरी दुनिया में पहचान बनाने वाले अभिनेता-निर्देशक ऋषभ शेट्टी ताज लैंड एंड होटल में पुरस्कार ग्रहण करेंगे। दादा साहेब फाल्के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव उनमें से एक है और हर साल कई प्रतिभाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इससे पहले भी साउथ के कलाकारों को दादा साहब फाल्के से सम्मानित किया जा चुका है। 2019 में, 'KGF चैप्टर 1' में अपने प्रदर्शन के लिए यश को दादा साहब फाल्के साउथ अवार्ड मिला था। उसके बाद, 2020 में, किच्छा सुदीप को 'दबंग 3' में उनके प्रदर्शन के लिए मोस्ट प्रॉमिसिंग एक्टर श्रेणी में पुरस्कार मिला।

हाल ही में, ऋषभ उन साउथ स्टार्स में शामिल थे, जिन्हें बेंगलुरु के राजभवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिनर टेबल साझा करने का मौका मिला। बातचीत के बारे में बोलते हुए, ऋषभ ने कहा था, "हमने कन्नड़ फिल्म उद्योग के साथ-साथ मनोरंजन उद्योग में क्या हो रहा है, इस बारे में बात की। उन्होंने इंडस्ट्री की जरूरतों के बारे में भी बात की। महत्वपूर्ण रूप से, उन्होंने हमारी बात सुनी। हमने 'कांतारा' के बारे में बात की और दुनिया भर के दर्शकों पर एक जड़ वाली कहानी ने जो प्रभाव छोड़ा था। उन्होंने हमें एक ऐसी फिल्म करने के लिए बधाई दी जो हमारी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कई बार 'कंतारा' का उल्लेख किया।"

'कंतारा' की कहानी दक्षिणी तटीय राज्य कर्नाटक में कादुबेट्टू के जंगल में रहने वाले एक छोटे से समुदाय के इर्द-गिर्द घूमती है। यह मनुष्य बनाम प्रकृति के संघर्ष की एक दिलचस्प कहानी है। जहां एक रहस्यमयी ताकत ग्रामीणों को बुरी ताकतों से बचाती है। शिवा वह युवक है जो एक लालची इंसान और प्रकृति विरोधी लोगों से अपने गांव और प्रकृति की रक्षा करता है।

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