24 Apr 2024, 23:04:35 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Health

जानें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से, कैसे जलेबी-रबड़ी कर सकती है माइग्रेन-सिरदर्द का इलाज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 16 2023 12:35PM | Updated Date: Mar 16 2023 12:35PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। भारत एक ऐसा देश है, जहां कई संस्कृतियों के साथ तरह-तरह के पकवान भी मिल जाएंगे। मसालों और कई तरह के खाद्य पदार्थों से भरपूर, हमारे देश में पकवनों की कई वैराइटी आपको मिल जाएगी। जिनके बारे में सोचकर ही मुंह में पानी आ जाता है। ऐसी ही एक डिश है रबड़ी-जलेबी, जो सभी भारतियों की फेवरिट होती है। जलेबी और रबड़ी इतनी मजेदरा होती है कि खूब खा भी ली जाती है, हालांकि, यह भी सब जानते हैं कि कुछ लोगों को इसका सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, इस मीठे कॉम्बीनेशन में सिर दर्द और माइग्रेन का इलाज करने के गुण भी हैं। यकीन नहीं हो रहा है, तो पढ़ें कि आयुर्वेद एक्सपर्ट इस बारे में क्या कहते हैं।

इंस्टाग्राम पर वैद्य मीहिर खत्री (vaidya_mihir_khatri) नाम के एक आयुर्वेदिक एक्सपर्ट ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि कैसे रबड़ी-जलेबी माइग्रेन में होने वाले सिर दर्द का इलाज कर सकती है। उन्होंने बताया कि इस मिठी डिश को आयुर्वेद में सिर दर्द के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने अपनी पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, " सूर्योदय से पहले की सुबह को वात समय कहा जाता है। जब वात के साथ दर्द जुड़ा हो तो, रबड़ी के साथ जलेबी कफवर्द्धक आहार है। इसलिए अगर आप वात समय में कफवर्द्धक आहार खाते हैं, तो शायद यह वत्समन करता है। यानी सुबह सूर्योदय से पहले अगर जलेबी और रबड़ी खाई जाए, तो इससे सिर दर्द में फायदा पहुंचता है।"

एक्सपर्ट ने यह भी बताया कि इस आयुर्वेदिक उपाय को लगातार एक से 3 हफ्तों तक जारी रखना चाहिए। जो लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं या लैक्टोस इन्टॉलेरेंट हैं, उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने सिर दर्द को ठीक करने का उपाय भी शेयर किया। उन्होंने लिखा, " अगर सभी तरह के इलाज के बाद भी आपको सिर दर्द में आराम नहीं मिल रहा है, तो आपको वैद्य के मदद से पंचकर्म क्लिनिक में नस्य, शिरोधारा करवाना चाहिए।"

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »