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Health

बवासीर में नहीं आएगी सर्जरी की नौबत, आंतों की गंदगी निकालेंगी फाइबर से भरी 10 चीजें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 16 2023 2:26PM | Updated Date: May 16 2023 2:26PM
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सुस्त जीवनशैली और खराब खान-पान की वजह से पाइल्स यानी बवासीर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। बवासीर में गुदा के आसपास या मलाशय के निचले हिस्से में नसों में सूजन हो जाती है जिसकी वजह से मलत्याग के दौरान दर्द और जलन होती है और कई बार खून भी आ सकता है। बवासीर दो तरह की होती है बादी जिसमें नसें फूल जाती हैं और खूनी जिसमें खून आता है।​बवासीर से बचने के उपाय क्या हैं? बवासीर कोई भी हो यह आपका सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। वैसे तो यह समस्या खुद ठीक हो जाती है लेकिन कई बार स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी की नौबत आ सकती है। अगर आप इस स्टेज से बचना चाहते हैं, तो आपको अपने खाने में बदलाव करना चाहिए।

बवासीर होने पर क्या खाएं? ऐसा माना जाता है कि खाने में फाइबर की कब्ज या बवासीर का बड़ा कारण बनती है। फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है, मलत्याग को बढ़ावा देता है और कब्ज या बवासीर के लक्षणों को कम करता है। बवासीर का इलाज करने के लिए आपको अपने खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए और नीचे बताए फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए।

गेहूं का चोकर (Wheat bran)

NIH की रिपोर्ट (Ref) के अनुसार, एक कप गेहूं के चोकर में 9.1 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इसके लिए आप रेडी-टू-ईट bran cereal खा सकते हैं। इसमें अघुलनशील फाइबर होता है, जो मल को बड़ा बनाता है और इसे त्यागना आसान बनाता है।

बवासीर के लिए घरेलु नुस्खे (Home Remedies For Bleeding Piles)

सूखा आलूबुखारा (Prunes)

सूखा आलूबुखारा फाइबर से भरपूर होता है। सिर्फ आधा कप में लगभग 3.8 ग्राम फाइबर होता है। यह पेट को भरा रखता है। यह कब्ज और मोटापा दोनों को कम करने में मदद कर सकता है, जो बवासीर के लिए एक जोखिम कारक हो सकता है। इसमें फेनोल यौगिक होता है, जो एंटीबैक्टीरियल के रूप में काम करता है, जिससे आंतों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

सेब

साल 2020 के एक अध्ययन (Ref) के अनुसार, सेब डाइटरी फाइबर का एक बड़ा स्रोत है। एक मीडियम सेब में लगभग 4.4 ग्राम फाइबर होता है। सेब के छिलके में पाए जाने वाले अघुलनशील फाइबर पाचन के दौरान टूटते नहीं हैं और मल को आसान बनाते हैं।

नाशपाती

नाशपाती में फाइबर और अन्य यौगिक भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह बवासीर के मरीजों के लिए बढ़िया फल है। एक पूरी नाशपाती में लगभग 6 ग्राम फाइबर हो सकता है। नाशपाती में फ्रुक्टोज भी होता है, जो प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य कर सकता है।

जौ

जौ में β-ग्लूकेन नामक फाइबर पाया जाता है, जो कोलन में टूटकर चिपचिपा जेल बनाता है और मल को नरम करता है। शोध से यह भी पता चलता है कि जौ का सेवन पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

कॉर्न 

एक कप पके हुए स्वीट कॉर्न में लगभग 4.2 ग्राम फाइबर होता है। प्राचीन काल से ही लोग बवासीर के इलाज के रूप में मकई का उपयोग करते आ रहे हैं। इसमें फाइबर के अलावा एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं बवासीर में होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

दलिया

एक कप पके हुए दलिया में लगभग 4 ग्राम फाइबर होता है। दलिया में पाया जाने वाला फाइबर पेट के स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह मल को नरम करने में भी मदद करता है। यह पाइल्स के दर्द और जलन को कम करता है।

दाल और फलियां 

दाल, छोले, लीमा बीन्स और मटर जैसी चीजों में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। एक कप पकी हुई दाल में लगभग 15.6 ग्राम फाइबर होता है। ऐसा माना जाता है हरी मूंग दाल का सेवन करने से मल बढ़ता है और मल त्याग में आसानी होती है। इनके अलावा साबुत अनाज का ब्रेड, सभी तरह की बेरीज, शकरकंद जैसी चीजों में फाइबर पाया जाता है।

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