हाई यूरिक एसिड में केले का फूल: केले के फूलों के बारे में आप कितना जानते हैं? दरअसल, भारत में इन फूलों से अलग-अलग प्रकार की रेसिपी बनती है। बिहार और बंगाल में केले के फूल के पकोड़े बनते हैं तो कहीं इसकी सब्जी। तो, कुछ जगहों पर इसकी भाजी भी बनाई जाती है। असल बात ये है कि इन फूलों में (banana flower benefits) फास्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, तांबा, मैग्नीशियम और आयरन होता है जो कि सेहत के लिए कई प्रकार से काम करते हैं। लेकिन, अगर हम कहें कि इन फूलों का आप हाई यूरिक एसिड की समस्या (kele ke phool ke fayde for uric acid) में भी सेवन कर सकते हैं तो क्या? आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
1. केले के फूलों में है दो प्रकार के फाइबर
केले के फूलों में दो प्रकार के फाइबर होते हैं एक जो घुलनशील है और दूसरा अघुलनशील। ये दोनों मिलकर मेटाबोलिक रेट बढ़ाते हैं और प्यूरिन पचाने की गति तो तेज करता है। इसके अलावा मल के साथ प्यूरिन की पथरियों को बाहर निकालने का भी काम करता है।
2. क्वेरसेटिन और कैटेचिन है इसमें
केले के फूलों में क्वेरसेटिन और कैटेचिन जैसे शक्तिशाली फ्लेवोनोइड्स के अलावा महत्वपूर्ण पोटेशियम, कैल्शियम, साथ ही विटामिन ए, सी और ई होते हैं। ये जोड़ों की बेचैनी को कम कर सकते हैं और हड्डियों के घनत्व को बढ़ा सकते हैं। इस तरह ये गाउट की समस्या से बचा सकते हैं।
3. एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से है भरपूर
जब हड्डियों के बीत प्यूरिन पथरियां जमा होने लगती हैं और उनमें गैप आने लगता है तो हम गाउट के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में केले के फूलों का एंटीइंफ्लेमेटरी गुण तेजी से काम करते हैं और इस दर्द में कमी लाते हैं।
4. किडनी के काम काज में तेजी लाते हैं
केले के फूलों की खास बात ये है कि इन फूलों में एल्कलाइन (alkaline) गुण होता है जो कि पथरी की समस्या में तेजी से काम कर सकते हैं। ये प्यूरिन के पथरी को पचा सकते हैं और किडनी के काम काज में तेजी लाते हैं जिससे शरीर में यूरिक एसिड जमा नहीं होता और बॉडी पेशाब के साथ खुद को डिटॉक्स कर लेती है।