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10वीं परीक्षा के कुछ घंटे पहले ही हिन्दी का पेपर हुआ लीक, मंडल सचिव ने बताया फर्जी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 5 2024 4:29PM | Updated Date: Feb 5 2024 4:29PM
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इंदौर। मप्र बोर्ड की 10वीं की परीक्षा सोमवार को शुरू हुई। सोमवार को हिन्दी का पेपर था। परीक्षा से कुछ घंटे पहले ही एक्जाम पेपर विभिन्न इंटरनेट मीडिया के समूहों में आउट हो गया। हालांकि यह पेपर सही है या नहीं इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है। हिन्दी का यह पेपर वाट्सएप और टेलीग्राम के विभिन्न समूहों में तेजी से वायरल हो गए। उधर, माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी श्रीवास्तव ने इसे लिक पेपर को फर्जी बताया।

इंदौर जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने कहा कि हमें भी इस तरह की सूचना मिली है। लेकिन जब तक इन पर्चों का मिलान करने के बाद ही कहा जा सकेगा कि यह पर्चे सही है या नहीं। पर्चे के दो से तीन सेट इन समूहों पर लिक हुए हैं। व्हाट्सएप ग्रुप पर 10वीं हिंदी का पेपर बहुप्रसारित हुआ लेकिन फर्जी निकला। भोपाल में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी श्रीवास्तव ने इसे फर्जी बताया है।

मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी का कहना है कि विद्यार्थी इस फर्जीवाडा में नहीं पड़े और छात्र-छात्राएं पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें। वह किसी भी तरह की भ्रामक बातों में ना आये। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा का पेपर बाहर नहीं आया है। वायरल पेपर बच्चों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। पेपरों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए अलग-अलग लेवल पर मॉनिटरिंग हुई थी। विद्यार्थी असामाजिक तत्वों की बातों में ना आए। गोपनीयता के लिए कड़े इंतज़ाम किए गए थे। इसके अलावा अन्य व्यवस्थाओं में सख़्ती बरती गई है। इंटरनेट मीडिया में जो दुष्प्रचार चल रहा है, उससे सावधान रहें।

पहले भी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान पर्चे लिक होते रहे हैं। खास तौर पर महत्वपूर्ण विषयों के पर्चों की विद्यार्थियों में भी चाहत रही है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड परीक्षा शुरू होने से कई महीनों पहले से ही वाट्सएप और टेलीग्राम में बोर्ड एक्जाम पेपर्स को लेकर कई समूह बन गए थे। इन समूहों में पेपर्स में 80 प्रतिशत तक के सवाल बैठने के दावे किए गए थे।

प्रशासन ने पेपर लिक रोकने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए थे। जैसे पेपरों को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने से पहले सीधे थानों में पहुंचे थे। सीलबंद लिफाफों में एक लिफाफे को 10 से 12 पेपर होते हैं। इन सीलबंद लिफाफों को सीधे क्लास रूम में ही खोला जा सकेगा।

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