19 Mar 2024, 11:12:17 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » World

इस अफ्रीकी देश में समलैंगिकों को हो सकती है फांसी की सजा, नए कानून पर भड़का अमेरिका

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 23 2023 4:54PM | Updated Date: Mar 23 2023 4:54PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

अफ्रीकी देश युगांडा ने LGBTQ समुदाय के खिलाफ बेहद ही सख्त कदम उठाते हुए समलैंगिकता के 'गंभीर अपराधों' में मौत की सजा का प्रावधान किया है। देश की संसद में समलैंगिकता को अपराध बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया गया है जो LGBTQ समुदाय को लक्षित करने वाले दुनिया के सबसे कठोर कानूनों में से एक है। इसे लेकर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए युगांडा को प्रतिबंधों की धमकी दी है। युगांडा में समलैंगिकों को पहले से ही कानूनी भेदभाव और भीड़ की हिंसा का सामना करना पड़ता है, इस नए कानून ने उनकी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। युगांडा सहित 30 से अधिक अफ्रीकी देश पहले ही समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।

नए कानून के समर्थकों का कहना है कि LGBTQ समुदाय के लोगों को दंडित करने की जरूरत है। उनका दावा है कि वे पारंपरिक मूल्यों के लिए खतरा हैं। कानून के तहत, लोगों को समलैंगिकता के 'प्रचार करने और उकसाने', समान सेक्स संबंधों में शामिल होने की 'साजिश रचने' से प्रतिबंधित किया जाएगा। कानून में तथाकथित गंभीर समलैंगिकता के लिए मृत्युदंड और समलैंगिक यौन संबंध रखने के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। कानून में गंभीर समलैंगिकता का अर्थ, 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के साथ समलैंगिक यौन संबंध बनाना या जब अपराधी एचआईवी पॉजिटिव है तब समलैंगिक सेक्स को गंभीर माना जाएगा। स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिल मंगलवार देर रात युगांडा की राजधानी कंपाला में एक खचाखच भरे संसदीय कक्ष के अंदर पारित किया गया था। संसद के सभी 389 प्रतिनिधियों ने इसे अपना समर्थन दिया था।

कानून अब युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के पास जाएगा जो या तो बिल को वीटो कर सकते हैं या कानून पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति जरूर ही कानून पर हस्ताक्षर कर उसे लागू करवा सकते है क्योंकि वो हमेशा से LGBTQ समुदाय की आलोचक रहे हैं। उन्होंने हाल ही में पश्चिमी देशों पर LGBTQ को अफ्रीकी देशों पर थोपने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पश्चिम अपनी प्रथाओं को दूसरे लोगों पर थोपने की कोशिश कर रहा है। युगांडा के इस कानून पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि यह कानून युगांडा के लोगों के मौलिक अधिकारों को कमजोर करेगा।

उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'युगांडा की संसद द्वारा कल पारित समलैंगिकता विरोधी अधिनियम सभी युगांडावासियों के मौलिक मानवाधिकारों को कमजोर कर देगा और एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई में अब तक मिली सफलता पर पानी फेर देगा। हम युगांडा सरकार से इस कानून को लागू करने पर दृढ़ता से पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं।' अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि यदि कानून लागू किया गया तो अमेरिका युगांडा पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करेगा। जॉन किर्बी ने कहा कि इस कानून को लागू करना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण होगा। अमेरिका युगांडा को HIV और एड्स से बचाव के लिए आर्थिक सहायता देता है और युगांडा की सरकार ऐसे लोगों को ही निशाना बना रही है।

LGBTQ विरोध बिल को पिछले महीने एक विपक्षी नेता डेविड बहती द्वारा पेश किया गया था। उन्होंने कहा था कि उनका लक्ष्य समलैंगिकता के प्रचार, युवाओं को इसके प्रति आकर्षित होने को दंडित करना है। विधेयक पर बहस के दौरान, डेविड बहती ने कहा, 'इस बारे में हम जो कर रहे हैं, उसे लेकर हमारा निर्माता परमेश्वर खुश है। मैं बच्चों के भविष्य की रक्षा के लिए विधेयक का समर्थन करता हूं। यह हमारे देश की संप्रभुता के बारे में है, किसी को हमें ब्लैकमेल नहीं करना चाहिए, किसी को हमें डराना नहीं चाहिए।'

वहीं, एक नेता फॉक्स ओडोई ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि बिल गलत कल्पना और असंवैधानिक है क्योंकि यह आचरण के बजाय व्यक्तियों को अपराधी बनाता है। इसी विधेयक का एक पुराना संस्करण साल 2014 में लाया गया था जिसे एक अदालत ने प्रक्रियात्मक आधार पर रद्द कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने युगांडा के इस कानून की निंदा की है। संगठन का कहना है कि यह कानून 2014 के कानून का 'अधिक अहंकारी संस्करण' है।

संस्था ने कहा, 'इस नए बिल की सबसे चरम विशेषताओं में से एक यह है कि यह लोगों को केवल वही होने के लिए अपराधी बनाता है जो वे हैं। साथ ही यह निजता के अधिकारों और अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। युगांडा के नेताओं को ऐसे कानूनों को पारित करने पर ध्यान देना चाहिए जो कमजोर अल्पसंख्यकों की रक्षा करते हैं और मौलिक अधिकारों की पुष्टि करते हैं और LGBTQ समुदाय को राजनीतिक फायदे के लिए लक्षित करना बंद कर देना चाहिए। मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने इस कानून को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने एक बयान में कहा, 'इस भेदभावपूर्ण विधेयक का पारित होना - शायद दुनिया में अपनी तरह का सबसे खराब विकास है।'

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »