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पिस्टल के बल पर खाना छीना, ग्रंथी के बेटे की पगड़ी पहनी और फिर फरार हुआ अमृतपाल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 22 2023 2:08PM | Updated Date: Mar 22 2023 2:08PM
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चंडीगढ़। 'वारिस पंजाब दे' का स्वयंभू मुखिया अमृतपाल सिंह अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है। उसकी तलाश में कई राज्यों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगी हुई हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चला है। आरोप है कि अमृतपाल सिंह ने पिस्टल के बल पर खाना और कपड़े छीन लिए। अमृतपाल और उसके लोगों ने गुरुद्वारे में घुसकर पिस्टल के बल पर खाना और कपड़े छीन लिए। अमृतपाल ने पगड़ी और कपड़ों के अलावा ग्रंथी (सिख उपदेशक) की एक जैकेट भी छीन ली। अमृतपाल को पकड़ने के लिए पुलिस ताबड़तोड़ कोशिश में जुटी हुई है। दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है, अमृतपाल जिनकी बाइक का इस्तेमाल किया था। पुलिस ग्रंथी की कॉल डिटेल खंगाल रही है, जिसके फोन से अमृतपाल ने अपने साथियों को कॉल किया था। जालंधर से 59 किलोमीटर दूर स्थित गुरुद्वारा से निकलते अमृतपाल सिंह ने धूप का चश्मा और गुलाबी पगड़ी पहन रखी थी। यह मामला 18 मार्च का है। अमृतपाल सिंह मारुति ब्रेजा कार से गुरुद्वारा पहुंचा था। ग्रंथी ने पुलिस को बताया कि अमृतपाल और उसके साथी करीब एक घंटे तक गुरुद्वारा परिसर में रहे। यहां अमृतपाल ने एक कमीज व पैंट पहन ली और ग्रंथी के बेटे की गुलाबी पगड़ी ले ली। अमृतपाल और उसके साथियों ने गुरुद्वारे से 100 मीटर दूर कार खड़ी की थी, जहां से पुलिस ने एक रायफल और कुछ तलवारें बरामद की हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अमृतपाल वहां पहुंचा, तब वहां शादी हो रही थी। उस समय कई मेहमान मौजूद थे। ग्रंथी के लोगों ने अमृतपाल और उसके साथियों को मेहमान समझ लिया और उन्हें आने दिया। बताया जा रहा है कि अमृतपाल और उसके साथियों ने पिस्टल के बल पर परिवार के लोगों को धमकाया।

अमृतपाल ने अपने साथियों को फोन करने के लिए जिस मोबाइल का इस्तेमाल किया, बाइक से फरार होने से पहले उसे फेंक दिया था। पुलिस ने शाहकोट थाने में अमृतपाल और उसके चार साथियों के खिलाफ एक और केस दर्ज किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि अमृतपाल ने रेवाड़ी हरियाणा के एक व्यक्ति को फोन किया था। उसे अन्य समर्थकों को भी बुलाया और उनसे दो बाइक लाने को कहा। पुलिस ने बाइक मालिकों को हिरासत में लिया है। आरोपी शाहकोट और नकोदर इलाके के रहने वाले हैं। सूत्रों ने कहा कि पुलिस अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर से भी पूछताछ कर सकती है। अमृतपाल और उसकी पत्नी के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। अमृतपाल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। हवाईअड्डों पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। उसके खिलाफ एनएसए लगाया गया है, साथ ही गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। पुलिस अब तक अमृतपाल के 154 समर्थकों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने कल अमृतपाल की कुछ पुरानी तस्वीरें जारी करते हुए यह आशंका जताई थी कि अमृतपाल पुलिस को भ्रमित करने के लिए भेष बदल सकता है। पुलिस ने अमृतपाल की कुछ तस्वीरें जारी की थीं। पुलिस को अंदेशा है कि अमृतपाल पंजाब में कहीं छिपा हो सकता है। अम्बिया नंगल में अमृतपाल को साजो-सामान मुहैया कराने वाले दो लोगों से कॉल डिटेल्स के अलावा पूछताछ की जा सकती है, जिससे उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। अब अमृतपाल सिंह को लेकर बठिंडा रेंज के एडीजीपी का बड़ा बयान सामने आया है। एडीजीपी ने कहा कि बठिंडा और मानसा जिले से अब तक पुलिस ने अमृतपाल के कुल 70 समर्थकों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। एडीजीपी बठिंडा रेंज सुरिंदर पाल सिंह परमार ने कहा है कि 4 से 6 लोग पंजाब का माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पब्लिक पुलिस का सहयोग करे, डरने की कोई जरूरत नहीं है। बठिंडा और मानसा में अमन शांति बनी हुई है। कुछ भी गलत होता हुआ दिखे तो लोग तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस की ओर से लगातार बीएसएफ के जवानों के साथ मिलकर नाकाबंदी करते हुए वाहनों की चेकिंग की जा रही है। पंजाब पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया कि अमृतपाल के पंजाब में ही कहीं छिपा हुआ हो सकता है। अमृतपाल को आखिरी बार जालंधर से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर सीसीटीवी में बाइक पर बैठकर भागते हुए देखा गया, उसके बाद से उसकी लोकेशन नहीं मिली है। बता दें कि अमृतपाल का खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा से कनेक्शन का खुलासा है। पंजाब पुलिस के टॉप अफसर ने आज तक /इंडिया टुडे को बताया कि अमृतपाल पाकिस्तान में मौजूद पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा से भी संपर्क में था, इसकी जानकारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल के भाई हैप्पी को फरारी के दौरान रिंदा के रिश्तेदारों ने अपने घर में शरण दी थी। बता दें कि हाल ही में हरविंदर सिंह रिंदा को भारत सरकार ने डिजीनेटेड टेररिस्ट करार दिया है। अमृतपाल सिंह, चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह के खिलाफ जालंधर के गांव उधोवाल में बंदूक के बल पर शरण लेने के मामले में एक और ताजा FIR दर्ज की गई। आरोप है कि करीब 24 घंटे तक परिवार को बंधक बनाकर रखा। बंदूक की नोक पर पूरे परिवार को धमकाया और परिवार से कहा कि वे अपनी लोकेशन के बारे में किसी को भी कोई जानकारी न दें। उत्तराखंड पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की तलाश में गुरुद्वारों, होटलों और भारत-नेपाल सीमा पर ऊधमसिंह नगर जिले में तलाशी अभियान चलाया। रुद्रपुर के एसपी मनोज कत्याल ने बताया कि पुलिस जिलेभर में तलाशी अभियान चला रही है।

उन्होंने बताया कि पंजाब से सूचना मिली थी कि अमृतपाल सिंह और उसके साथी देश से भागने की कोशिश कर रहे हैं। इस जानकारी के बाद पुलिस ने उत्तराखंड में चेकिंग शुरू कर दी। खुफिया एजेंसियां भी स्थिति पर नजर रख रही हैं। भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि वह यहां से नेपाल भाग न जाए। पुलिस ने यहां पोस्टर भी लगाए हैं कि अमृतपाल सिंह और उसके साथी पंजाब में वांछित हैं। पंजाब पुलिस बारी-बारी से अमृतपाल की तस्वीरें जारी कर रही है। 80 हजार जवानों वाली पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को दबोचने के लिए जाल बिछाया, पूरी नाकेबंदी की, लेकिन अमृतपाल पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब हो गया। अमृतपाल खालिस्तानी साजिश का मास्टरमाइंड है। अमृतपाल से सिर्फ कानून-व्यवस्था का खतरा नहीं, देश की संप्रभुता का खतरा है, लेकिन पंजाब की पुलिस से लेकर पंजाब के हुक्मरान तक किसी की जुबान से अमृतपाल की फरारी पर अफसोस के शब्द नहीं सुनाई दे रहे। जाहिर है पंजाब में अमृतपाल पर राजनीति तेज होने वाली है। पंजाब सरकार और पुलिस तब तक दामन दिखाने के काबिल नहीं, जब तक कि अमृतपाल को दबोच नहीं लिया जाता। पंजाब पुलिस इस जंग में जोर तो खूब लगा रही है। अमृतपाल की तलाश में बड़ा सर्च ऑपरेशन चला रही है। मतलब ये कि मोस्ट वॉन्टेड अमृतपाल को पकड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है, लेकिन पुलिस अच्छी तरह जानती है कि अगर अमृतपाल सरहद लांघ गया तो उसे वापस ला पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। अच्छी खबर ये है कि अब तक अमृतपाल के देश में ही कहीं छिपे होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

23 फरवरी को पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन पर अमृतपाल सिंह ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए धावा बोल दिया था और पुलिसवालों पर हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया था। इस घटना के बाद से पंजाब सरकार की आलोचना होने लगी थी। सवाल सरकार की साख का था। कहा जाने लगा था कि ऐसे तत्वों से निपटने में पंजाब की सरकार कमज़ोर पड़ने लगी है। इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह से पंजाब के सीएम भगवंत मान की मुलाकात हुई और अमृतपाल पर शिकंजा कसने का खाका खींच लिया गया। सरकार ने इसमें कुछ दिनों का वक्त लिया, लेकिन इसके बाद पंजाब पुलिस अमृतपाल और उसके साथियों पर टूट पड़ी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल सिंह को भारत में इस तरह की गतिविधियों के लिए विदेश से फंड मिल रहा था। उसके फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी के पास दो साल में 35 करोड़ रुपये का विदेशी फंड पहुंचा। उसके फोन से कई बार पाकिस्तान में बात भी हुई। फिलहाल पुलिस ने उसका फोन बरामद कर लिया है और जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर अमृतपाल नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर फिदायीन हमलावरों को तैयार करने में जुटा था। पाकिस्तान से ही हथियार मंगवा कर वो अपने समर्थकों को बांट रहा था और आनंदपुर खालसा फोर्स के नाम पर एक हथियारबंद संगठन शुरू कर चुका था। वैसे इस मामले की जांच अकेले पंजाब पुलिस ही नहीं एनआईए भी कर रही है, जिसे अमृतपाल के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से कनेक्शन के सुराग मिले हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने अमृतपाल और उसके साथियों पर एनएसए यानी नेशनल सिक्योरिटी एक्ट की धाराएं भी लगा दी हैं। कुल मिलाकर, ये कहा जा सकता है कि अमृतपाल की उल्टी गिनती की शुरुआत हो चुकी है।

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