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मध्य प्रदेश ने भारतीय सेना को दिया पावरफुल MPV, Jabalpur की फैक्ट्री ने किए हैं तैयार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 19 2024 3:14PM | Updated Date: Mar 19 2024 3:14PM
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सैन्य वाहन बनाने वाली व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर (Jabalpur Vehicle Factory) यानी कि आर्म्ड व्हीकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अब तक का सबसे शक्तिशाली बख्तरबंद वाहन (Most Powerful Armored Vehicle) बना दिया है। इसका नाम 6X6 एमपीवी यानि माइंस प्रोटेक्शन व्हीकल (Mines Protection Vehicle) है, जो बारूदी सुरंगों के बड़े से बड़े विस्फोट भी झेलकर, इसके भीतर बैठे सैनिकों की जान बचा सकता है और हाथों-हाथ जवाबी हमला भी कर सकता है। व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी इस सिक्स बाय सिक्स एमपीवी को भारतीय सेना (Indian Army) को सप्लाई करने के अलावा विदेशों में भी एक्सपोर्ट करने की तैयारी कर रही है आइए देखते हैं क्या कुछ खूबियां है इस विशेष वाहन में...

आर्म्ड व्हीकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Armed Vehicle Corporation Limited) के नाम से पहचानी जाने वाली रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने नया करिश्मा कर दिखाया है। इस फैक्ट्री में जो नया बख्तरबंद वाहन तैयार किया गया है, वह बारूदी सुरंगों को रौंदते हुए पूरी ताकत से आगे बढ़ सकता है।

व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर पहले भी कई एमपीवी बना चुकी है लेकिन ये एमपीवी का सबसे अपग्रेडेड और हाईटेक वर्ज़न है, जिसका मुकाबला पूरी दुनिया में नहीं है। ये एमपीवी बारुदी सुरंगों के बड़े से बड़े धमाके झेल सकती है, जिससे इसके भीतर बैठे सैनिकों का बाल भी बांका नहीं हो सकता। सिक्स बाय सिक्स एमपीवी में स्पेशल ब्लास्ट प्रोटेक्शन शीट्स लगाई गई हैं, जिससे धमाके से उछलकर गिरने के बाद इस वाहन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। ये एमपीवी 360 डिग्री रियर व्यू कैमरे से लैस है, जिसकी वजह से हमारे सैनिक भीतर से ही दुश्मन पर निगाह रख सकते हैं। इसके अलावा इस एमपीवी में सैनिकों को ऊपर से निकलने के लिए हैच मौजूद हैं और जवाबी हमले के लिए गन पोर्ट्स भी बनाए गए हैं। जिनसे दुश्मन को तहस-नहस किया जा सकता है।

इस अत्याधुनिक करिश्मे को तैयार करने वाली व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर के महाप्रबंधक संजीव कुमार भोला का कहना है कि इसे सेना से मिले फीडबैक के आधार पर ही तैयार किया गया है इसीलिए ये सबसे शक्तिशाली एमपीवी है। यह एमपीवी साधारण एमपीवी से बिल्कुल अलग है। इसमें 6 पहिए हैं और सभी स्टेयरिंग से जुड़े हैं। वजन ज्यादा होने के कारण इसमें 260 एचपी का हैवी इंजन लगाया गया है। इसका ग्राउंड क्लियरेंस (Ground Clearance) भी लाजवाब है। ये एमपीवी जमीन में आतंकवादियों या नक्सलियों की तरफ से बिछाए गए कई किलो बारूद के विस्फोट को सहन करने में पूरी तरह सक्षम है। बुलेटप्रूफ (Bulletproof) होने के कारण इस पर गोलीबारी का भी कोई असर नहीं होता है। इसमें एक साथ 15 से ज्यादा सैनिक बैठ सकते हैं।

व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर के मुताबिक इस एमपीवी को देश के सबसे ठंडे उत्तरी इलाके लेह में टेस्ट किया गया, जिसमें ये पूरी तरह सफल साबित हुई है। बड़ी बात यह है कि व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर अपने इस मेक इन इंडिया (Make in India) आर्म्ड प्रोडक्ड को भारतीय सेना के अलावा विदेशों में भी एक्सपोर्ट करने जा रही है और उसे नेपाल के अलावा तंजानिया व कई अफ्रीकन देशों से डिमांड भी मिलने लगी है।

देश-दुनिया की सेना ही क्यों? आतंकवादियों और नक्सलवादियों के बीच बहादुरी से काम करने वाले हमारे अर्ध सैनिक बलों और सीआरपीएफ के लिए भी, ये सिक्स बाय सिक्स एमपीवी वो ताकत बनने जा रही है जिसे देखकर ही दुश्मन के दांत खट्टे हो सकते हैं। इसके सफल ट्रायल के बाद अब बस इंतज़ार फील्ड पर इसके करिश्मे देखने का है।

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