दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्तपताल में भर्ती मनीष सिसोदिया की बीमार पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है। इससे पहले पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा को बताया कि शुक्रवार को पारित अदालत के आदेशों के मुताबिक सिसोदिया को उनकी पत्नी से मुलाकात कराने के लिए घर ले जाया गया, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई, जिससे उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
दो जून को दिल्ली हाईकोर्ट में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की ओर से पेश हुए वकील मोहित माथुर ने बीमार वाइफ का एकमात्र केयरटेकर होने का हवाला देते हुए अस्थायी रूप से जमानत पर छोड़ने का अनुरोध किया था। इस पर जस्टिस शर्मा ने अवकाश के दिन हुई सुनवाई के बाद अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया। दूसरी तरफ उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल से एक रिपोर्ट मंगवाकर कर शाम तक दाखिल करने का निर्देश दिया था।
इसके अलावा, दिल्ली हाईकोर्ट ने दो जून को तिहाड़ जेल अधीक्षक को सिसोदिया को उनके आवास पर ले जाने का भी आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि मनीष सिसोदिया को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत है। हालांकि, ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने ने सुनवाई के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना के आधार पर अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया। ईडी के वकील ने हाईकोर्ट को बताया था कि सेवाओं विभाग के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की रात को विशेष सचिव सतर्कता के कमरे से कई दस्तावेजों को गैर कानूनी तरीके से हटाया गया था। इसमें दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित दस्तावेज भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने इस बाबत एफआईआर भी दर्ज की है।
ईडी के वकील ने इस बात का भी जिक्र किया कि मनीष सिसोदिया की पत्नी 20 वर्षों से इस तरह की बीमारी से पीड़ित हैं। पहले भी इसी आधार पर अंतरिम जमानत के लिए याचिकाएं लगाई गई थीं जिसको पूर्व मंत्री ने वापस ले लिया था। पूर्व डिप्टी सीएम के पास 18 विभाग थे। इस लिहाज से वह अपनी पत्नी के अकेले केयरटेकर नहीं हो सकते। इस बात को ध्यान में रखते हुए सख्त शर्तों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इस पर मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वकील ने माथुर ने कहा कि ईडी के वकील पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर यह बयान दे रहे हैं।