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हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अडानी का पलटवार, कानूनी जंग के लिए की तैयारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 10 2023 8:04PM | Updated Date: Feb 10 2023 8:04PM
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नई दिल्‍ली। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी समूह को तगड़ा झटका लगा है। अडानी के शेयरों में भूचाल आ गया है और वे अरबपतियों की लिस्ट में 3 तीसरे नंबर से लुढ़कर 21 वें नंबर पर पहुंच गए हैं। अब अडानी इस झटके से उबरने के लिए हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन के खिलाफ लीगल एक्शन लेंगे। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी अमेरिकी लीगल फर्म वाचटेल को हायर कर सकते हैं। बता दें कि यह कंपनी चर्चित व विवादित मामलों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर है। अडानी समूह ने अपनी लीगल फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास के जरिए अमेरिका की कंपनी वॉचटेल से संपर्क किया है। अडानी समूह के लिए वॉचटेल मुख्य रूप से लीगल, रेग्युलेटरी और पब्लिक रिलेशन के कोऑर्डिनेशन पर ध्यान केंद्रित करेगा। विकीपिडिया पर दी गई जानकारी के मुताबिक ट्विटर के $ 44 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण के लिए कानूनी जंग में भी वॉचटेल ने भूमिका निभाई थी।
 
एफटी की रिपोर्ट में चार सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि “हाल के दिनों में अडानी न्यूयॉर्क के वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज के सीनियर वकीलों की सलाह के लिए संपर्क में थे।' बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप पर अब तक का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट संकट आ गया और इसको निपटने के लिए समूह ने दिग्गज अमेरिकी वकीलों से संपर्क में रहा था। अब भारतीय कंपनी ने अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी जंग के लिए वाचटेल को हायर किया गया है।
 
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। बता दें कि यह रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ लाने से ठीक पहले 25 जनवरी को जारी की गई थी। इस रिपोर्ट का असर इस कदर रहा कि अडानी ग्रुप को अपना एफपीओ कैंसिल करना पड़ा। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है। यह साल 2017 की कंपनी है। इसके फाउंडर नाथन एंडरसन हैं। कंपनी इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का एनालिसिस करती है। यह कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए मशहूर है। कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?
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