पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड लाइन पर एक बार फिर झड़प का मामला सामने आया है। तालिबान द्वारा मुख्य व्यापारिक और क्रॉसिंग पॉइंट्स तोरखम गेट को बंद करने के बाद इस्लामिक अमीरात बलों और पाकिस्तानी सीमा रक्षकों के बीच झड़प शुरू हो गई।तोरखम गेट पर मौजूद एक खुफिया अधिकारी करीमुल्ला आगा ने बताया कि उनमें से एक पाकिस्तान का है और दूसरा हमारे रक्षा मंत्रालय का है। फाटक बंद होने से विदेशों में चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले कई लोगों और उनके साथ आने वाले रिश्तेदारों को परेशानी हुई। उन्होंने गेट को फिर से खोलने पर सहमति बनाने के लिए दोनों पक्षों को बुलाया। एक मरीज नजीबुल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान पर मरीजों को अनुमति देने के लिए दबाव बनाना चाहिए। मरीजों के साथ दो से तीन लोग हैं। पाकिस्तान हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा है।
एक मरीज अब्दुल मलिक समसोर ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जो समझौता हुआ है, उसके आधार पर 100 से 150 लोगों को गेट पार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह मामला अफगानिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंवेस्टमेंट के उस बयान के बाद आया है कि गेट बंद होने से देश प्रभावित होता है।न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा अफगान के मरीजों को गेट पार करने से मना करने के बाद तालिबान ने तोरखम गेट बंद कर दिया। इस बीच डॉन ने बताया कि तालिबान ने इस्लामाबाद पर अपनी प्रतिबद्धताओं से मुकरने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के साथ लगने वाला गेट बंद कर दिया। डॉन ने यह भी कहा कि तोरखम में तालिबान के आयुक्त मौलवी मोहम्मद सिद्दीकी ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान ने अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं किया है और इसलिए हमारे नेतृत्व के निर्देश पर प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों को सलाह दी कि वे पूर्वी नांगरहार प्रांत में सीमा पार करने के लिए यात्रा करने से बचें।