बीजिंग। चीन ने हाल ही में यह घोषणा की है कि वह अपने रक्षा बजट को इस साल के लिए 230 बिलियन डॉलर करने जा रहा है. यह चीन की तरफ से उस वक्त सामने आया है जब कि यह कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन ताईवान पर आक्रमण कर सकता है. बीजिंग में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में ड्राफ्ट बजट पेश किया गया है जो कि प्रीमियर ली केकियांग ने किया है. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि, ‘युद्ध की तैयारियों को बूस्ट करने और मिलेट्री योग्यता को बढ़ाने के लिए किया गया है.’ इसका मतलब है कि चीन का सैन्य खर्च चार वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़ेगा और अपनी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा इसमें खर्च किया जाएगा. जो दो दशक की तुलना के विपरीत है, जिसने राष्ट्र को अपनी सैन्य क्षमताओं पर विकास को प्राथमिकता देते देखा गया है. 2023 में डिफेंस खर्च में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी जो 224 बिलियन डॉलर किया गया है. रक्षा बजट में चीन की यह वृद्धि आम बजट में की गई 5.7 प्रतिशत की वृद्धि से बहुत ज्यादा है.
ताइवान के साथ बढ़ते तनाव के बीच बीजिंग की ओर से आई इस खबर से अमेरिका की चिंताएं और बढ़ सकती हैं. संसद के वार्षिक सत्र की अपनी कार्य रिपोर्ट में ली ने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बलों को 2027 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की शताब्दी के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सैन्य अभियान चलाने, युद्ध की तैयारियों को बढ़ावा देने और सेना को बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए.’
बीजिंग ताइवान के साथ फ्रंट पर नर्वस है, ताइवान एक स्व-शासित द्वीप लोकतंत्र है जिसपर चीन का दावा है कि यह उसकी टेरिटरी है, और जरूरत पड़ी तो चीन बलपूर्वक अपने नियंत्रण में इसे लाएगा. यूएस हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने पिछले अगस्त में ताइपे की यात्रा के साथ चीन के गुस्से को और भी भड़का दिया. जवाबी कार्रवाई में चीन ने ताइवान के पास युद्धाभ्यास किया.
तब से यू.एस. से ताइवान को हथियारों की बिक्री का एक स्थिर प्रवाह रहा है, जिसमें ग्राउंड सिस्टम, वायु रक्षा मिसाइल और F-16 लड़ाकू विमान शामिल हैं. ताइवान ने हाल ही में अनिवार्य सैन्य सेवा को चार महीने से बढ़ाकर एक साल कर दिया है और पहली बार पनडुब्बियों के निर्माण सहित अपने स्वयं के रक्षा उद्योगों को पुनर्जीवित कर रहा है. ताइवान पर अपनी टिप्पणी में ली ने कहा, ‘ताइवान पर हो रहे सवालों को हल करने के लिए नए युग की पार्टी की समग्र नीति का पालन किया जाएगा और अलगाववाद के खिलाफ दृढ़ता से लड़ाई लड़ी जाएगी.’